चंद्रयान 2 मिशन की पूरी जानकारी जानकरी हिंदी में।
हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट में भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो)के निशान chandrayaan-2 के बारे में जानेंगे तो बने रहें आप इस पोस्ट के अंत तक.
2019 इंडिया के लिए बहुत खास होने बाला है, क्यूंकि इसी साल ISRO जिसका पूरा नाम Indian Space Research Organisation है अपना मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च करने जा रहा है. ये पुरे इंडिया वासियो के लिए बहुत ही गौरव की बात है.
चंद्रयान 2 मिशन चाँद पर किया जाने बाला भारत का दूसरा मिशन है, पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसके पास सिर्फ आपना एक एकलौता चाँद है और उसके कुछ ऐसे भाग भी है जिससे की अब तक हम अनजान है, भारत का चंद्रयान 2 मिशन हमारे चंद्रमाँ के कुछ ऐसे रहसयों से पर्दा उठाएगा जिनके बारे में अभी भी अनजान हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) के अनुसार चंद्रयान 2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, यह चाँद का वह भाग है जहा अभी तक कोई भी मिशन नहीं किया गया है. और तो और यह चाँद का यसा हिस्सा है जहा अभी तक किसी भी देश ने अपना अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है.
चंद्रयान 2 मिशन ऐसा मिशन है जो की परी तरह से स्वेदशी है इसका मतलब यह है की चंद्रयान 2 मिशन में जो भी सामान लगा है वो पूरी तरह से मेड इन इंडिया है इसके सभी सामान भारत में ही निर्मित किये गए है, चंद्रयान 2 मिशन भारत का पहला ऐसा मिशन है जो की पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है.
चंद्रयान 2 मिशन कब लॉन्च किया जायेगा -
चंद्रयान 2 मिशन 15 जुलाई 2019 को लॉन्च किया जायेगा।
चंद्रयान 2 मिशन कहाँ से लॉन्च किया जायेगा -
चंद्रयान 2 मिशन 15 जुलाई 2019 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जायेगा, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रक्षेपण केंद्र है। यह आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में स्थित है.
अंतरिक्ष यान Design Details -
चंद्रयान 2 मिशन को श्रीहरिकोटा द्वीप के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV MK-III launch vehicle द्वारा भेजे जाने की योजना है; इसरो के अनुसार जब चंद्रयान 2 लॉन्च के लिए पूरी तरह से तैयार होगा तब इसका बजन 3,250 किलो होगा। जिसमे ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल होंगे। इसरो के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार ऑर्बिटर, पेलोड के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. लैंडर चंद्रमा के पूर्व निर्धारित स्थल पर उतरेगा और वहां एक रोवर तैनात करेगा. ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक पेलोड के चंद्रमा की सतह पर खनिज और तत्वों का अध्ययन करने की उम्मीद है.
चंद्रयान 2 मिशन की कुल लगत -
इसरो के अनुसार चंद्रयान 2 मिशन में 1,000 करोड़ रुपये से कम खर्च हुआ है. जिसमे से चंद्रयान-2 में उपग्रह से जुड़ी लागत 603 करोड़ रुपये की है. और GSLV MK-III launch vehicle की लागत 375 करेाड़ रुपये है.चंद्रयान 2 मिशन से जुडी कुछ जरुरी बातें -
- लैंडर का नाम लैंडर (विक्रम) इसरो के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है.
- भारत का चाँद पर यह दूसरा मिशन है.
- यह पूरी तरह से भारत में बनाया गया है.
- चंद्रयान 2 ऐसे स्थान पर जायेगा जहा अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है.
- चंद्रयान 2 GSLV MK-III launch vehicle के द्वारा लांच किया जायेगा।
दोस्तों यह थी चंद्रयान से जुडी कुछ जानकारी उम्मीद करता हु आपको पसंद जरूर आयी होगी अब आप भारत के चंद्रयान 2 मिशन के बारे में जान गए है, अब इस पोस्ट को अपने दोस्तों के सात शेयर जरूर करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग तक जानकारी पहुंच सके.
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